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Chandrapur leaders failed to spend Rs 101.87 crore on Prime Minister's schemes : प्रधानमंत्री योजनाओं के 101.87 करोड़ खर्च करने में चंद्रपुर के नेता फेल

 


विकास या अधोगति : अनेक योजनाएं लक्ष्य पूर्ति से कोसों दूर

भाजपा की सत्ता होते हुए भी PM मोदी का सपना अधूरा

आप तो यह जान ही चुके हैं कि चंद्रपुर जिले में बीते 10 वर्षों में भाजपा की सत्ता रहते हुए भी यहां 1 लाख 49 हजार 545 परिवार, BPL की सूची में बढ़ गए। वहीं APL से BPL हुए परिवारों की संख्या 1 लाख 18 हजार 499 हो गई। गरीबों के यह आंकड़े साफ तौर पर विकास नहीं, बल्कि अधोगति को दर्शा रहे हैं। ऐसे में एक और बेहद चौंकाने वाली जानकारी से खोखले विकास का पर्दाफाश हो रहा है। आश्चर्य की बात है कि देश के प्रधानमंत्री के नाम से चलाई जाने वाली अनेक योजनाएं और केंद्र सरकार से मिलने वाले करोड़ों की निधि खर्च नहीं की जा सकीं। जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों ने वर्ष 2023 के अंत तक 101 करोड़ 87 लाख 19 हजार रुपये खर्च करने में नाकाम रहे हैं। इसके चलते प्रशासन के आला अफसरों, स्थानीय स्वराज संस्थाओं के भाजपा जनप्रतिनिधियों, 8 सालों से पालकमंत्री पद के कुर्सी पर विराजमान भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार के प्रयासों तथा इन विफलताओं पर सवाल उठने लगे हैं। 

प्रधानमंत्री की इन योजनाओं पर नहीं खर्च हुई यह निधि

चंद्रपुर जिले में बीते अनेक वर्षों से विकास के सैंकड़ों दावें किये जा रहे हैं। लेकिन जब हमने विकास के दावों को गहराई से परखना शुरू किया तो अनेक सनसनीखेज जानकारियों से खोखले विकास के दावों का पर्दाफाश होने लगा। इस श्रृंखला में अब हमने प्रधानमंत्री के नाम से चलने वाली योजनाएं तथा केंद्र सरकार से दी जाने वाली निधि से संबंधित योजनाओं के आंकड़ों पर रिसर्च किया तो अनेक चौंकने वाली जानकारियां उजागर हुई है। सरकारी आंकड़ें ही विकास के दावों की पोल खोल रही है। वर्ष 2023 के मार्च अंत की सरकारी रिपोर्ट भाजपा नेताओं के विकास के नकाब को पूरी तरह से भंडाफोड़ कर रही है।

प्रधानमंत्री के नाम से चलने वाली व केंद्र सरकार की निम्नलिखित योजनाएं और उन योजनाओं में मिली निधि में से खर्च न की जा सकीं, शेष निधि का ब्योरा इस प्रकार.

ग्रामीण शहरी जीवनोन्नती अभियान (NULM) -13.02 लाख शेष
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना (DDU-GKY) – 19.82 लाख शेष
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास कार्यक्रम (PMGSY) -1604.02 लाख शेष
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) – 185.73 लाख शेष
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना – 3148 लाख शेष
स्वच्छ भारत मिशन (SBM) – 95.61 लाख शेष
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (SBM-G) – 1158.28 लाख शेष
जल जीवन मिशन कार्यक्रम – 2651.16 लाख शेष
प्रधानमंत्री कृषि सिंचन योजना (PMKSY) – 32.36 लाख शेष
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY) – 19.82 लाख शेष
राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (NHM) – 1031 लाख शेष
सर्व शिक्षा अभियान (SSA) – 171.37 लाख शेष
प्रधानमंत्री कौशल्य विकास कार्यक्रम – 57 लाख शेष
 

विकास के खोखले नारे, और निधि खर्च में नाकामी

भाजपा हर समय कभी 7 तो कभी 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य का नारा लगाती है। चंद्रपुर विकास के असंख्य खोखले दावें यहां तब ध्वस्त होते हुए दिखाई पड़ते हैं, जब हम सरकारी आंकड़ों से विफलताओं की गहनता से अध्ययन करने लगते हैं। प्रशासनीक आंकड़े ही भाजपा नेताओं के विकास के दावों को पर्दाफाश कर रहे हैं। अनगिनत योजनाओं की निधि खर्च करने में भाजपा के जनप्रतिनिधियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का भारत बनने में सबसे बड़ी रुकावट का काम कर रही है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी के नाम से राजनीतिज्ञ अपनी रोटियां सेंकने में लगे हुए है।