■ मजहर अली, सुनील तायडे, प्रशांत विघ्नेश्वर, प्रविण बतकी, मुन्ना खेडकर का फॉलोअप ठप
■ 4 दिनों की देरी से छापी खबरें, बावजूद श्रेय लेने का
लालच
■ अब पालकमंत्री मुनगंटीवार से CBI जांच पर साध ली चुप्पी
@चंद्रपुर
चंद्रपुर की मीडिया
ने जब दर्ज FIR के बावजूद ड्रग से संबंधित खबर को
4 दिनों तक दबाये रखा, जिसके बाद ‘एक्सपोज बाय लिमेशकुमार’
नामक डिजिटल मीडिया ने सर्वप्रथम अर्थात 19 नवंबर 2022 को ड्रग अपराध की खबर प्रसारित
कर मीडिया, पुलिस प्रशासन एवं अवैध व्यापार में लिप्त खेमों में खलबली मचा दी थी। इसके
चंद दिनों बाद जब पीड़ित फरियादी ने पत्रकार परिषद ली तो चंद्रपुर मीडिया की नींद खुली।
कुछ श्रेयधारी पत्रकारों ने इस बांसी, पुरानी व ‘एक्सपोज बाय लिमेशकुमार’डिजिटल
मीडिया पर प्रसारित हो चुकी खबर को बाय लाइन (अपने नाम से) प्रकाशित कर ली। नाम के
भूखेपण का लालच यहीं नहीं थमा, इसके बाद जब पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने CBI जांच
की घोषणा की तो इन श्रेयधारी पत्रकारों ने अपनी बांसी खबरों का इम्पैक्ट बताते हुए
श्रेय लेने की होड़ मचा दी। अब सवाल यह उठता है कि इन श्रेयधारी पत्रकारों की खबर के
असर अर्थात CBI जांच की घोषणा का आगे क्या हुआ ? जांच शुरू हुई या नहीं ? या जांच की
घोषणा एक जुमला साबित हुई ? इस पर बीते 7 माह में कोई खबर प्रकाशित नहीं की गई। या
यूं कहे कि पालकमंत्री मुनगंटीवार को इस CBI जांच की स्थिति पर सवाल पूछने संबंधित
हिम्मत भी यह श्रेयधारी पत्रकार नहीं जुटा पाएं। यह हालात चंद्रपुर की पत्रकारिता के
लिए चिंता व चिंतन का विषय बना हुआ है।
यह पत्रकार अब चुप
क्यों हो गए ?
बांसी, पुरानी खबर
को प्रकाशित कर श्रेय लेने वाले अनेक पत्रकार ड्रग माफिया से जुड़े CBI जांच की घोषणा
की खबर को अपने लेखन का असर तो बता दिया, लेकिन इसके बाद के दिनों में जांच शुरू हुई
या नहीं, इस पर चुप्पी साधकर बैठ गए। वह कौनसी वजहें होगी, जिसके चलते वे पालकमंत्री
सुधीर मुनगंटीवार से इस मसले पर सवाल पूछने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ? ज्ञात
हो कि पत्रकार मजहर अली, सुनील तायडे, प्रशांत विघ्नेश्वर, प्रविण बतकी व मुन्ना खेडकर
ने झरना बार में घटित वारदात को देरी से प्रकाशित कर CBI जांच की घोषणा का उल्लेख किया
था।
पत्रकार मजहर अली
के लिखा था….
टाइम्स ऑफ इंडिया
के पत्रकार मजहर अली का दावा था कि चंद्रपुर में बड़े पैमाने पर ड्रग का व्यवसाय पनप
रहा है। बीते दिनों 2 आरोपियों को 38 ग्राम ब्राउन शूगर के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया
था। साथ ही पत्रकार अली ने झरना बार में घटित वारदात के ड्रग माफिया के खिलाफ खबर की
डिटेल लिखते हुए पुलिस की जांच के लिए एक बड़ी चुनौती बताया। अनेक बारीकियों के साथ
वे अपनी खबर में ड्रग माफिया पर अंकुश लगाने के लिए CBI जांच की ओर इशारा कर चुके हैं।
पत्रकार सुनील तायडे
ने लिखा था…
चंद्रपुर बन रहा
है नशीले पदार्थों का हब नामक शिर्षक वाली अपनी न्यूज में बताया था कि ड्रग माफिया
रसूख वाले हैं और इनकी राजनीति में काफी पहुंच है। ये नागपुर से व्यापार कर रहे हैं।
पूरी सिस्टम को खरीदकर यह खोखला कर दिया है। यह विमल व पराग जैसे पाउच में भरकर नागपुर
से चंद्रपुर ट्रैवल्स के पार्सल सेवा द्वारा भेजा जाता है। और ड्रग माफिया के खिलाफ
कार्रवाई करने की मजाल किसी की नहीं, यह दावा नागपुर मेट्रो समाचार के पत्रकार सुनील
तायडे ने किया था। तायडे का यह भी दावा था कि उनकी न्यूज के चलते ड्रग माफिया के खिलाफ
अब पालकमंत्री मुनगंटीवार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ड्रग तस्करी
रोकने CBI से जांच करवाने की मांग की है।
पत्रकार प्रशांत
विघ्नेश्वर ने लिखा था….
नवराष्ट्र के पत्रकार
प्रशांत विघ्नेश्वर का दावा था कि उनकी ही लिखी गई खबर के कारण अब ड्रग माफिया की कबर
खुदने वाली है। क्योंकि विघ्नेश्वर अपनी पूर्व की खबर में चंद्रपुर जिला ड्रग की चपेट
में वाली शिषर्क के तले लिखी जानकारी से प्रशासन और राजनेता दहल उठने की बात कहते है।
ड्रग माफिया में विघ्नेश्वर की न्यूज का ऐसा खौफ छाया कि पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार
को इस न्यूज की दखल लेनी पड़ी थी। पत्रकार विघ्नेश्वर के दनके के चलते पालकमंत्री मनुगंटीवार
को देश के गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखने की नौबत आन पड़ी थी। साथ ही एसआईटी गठित
करने व CBI की जांच की घोषणा पालकमंत्री को करनी पड़ी थी।
पत्रकार प्रविण
बतकी ने लिखा था….
चंद्रपुर बना ड्रग
माफिया का अड्डा नामक शिर्षक वाली खबर महासागर अखबार में लिखकर पत्रकार प्रविण बतकी
ने सीधे तौर पर चंद्रपुर के कानून व सुव्यवस्था पर ही अनेक सवाल उठा दिये थे। उनकी
इस चुनौती से पुलिस प्रशासन एकदम दहल उठा था। ड्रग माफिया में हड़कंप मच गया था। पत्रकार
बतकी का भी दावा था कि उनके ही न्यूज के कारण जिले के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार
को ड्रग माफिया के खिलाफ एसआईटी एवं सीआईडी जांच की घोषणा करनी पड़ी थी।
पत्रकार मुन्ना
खेडकर ने लिखा था...
विदर्भ चंडिका अखबार
में पत्रकार मुन्ना खेडकर ने दावा किया था कि ड्रग के चलते चंद्रपुर के बड़े घरानों
के युवा इस बुरी लत का शिकार बन चुके हैं। चंद्रपुर भी उड़ता पंजाब बनने की राह पर,
एक ग्राम ड्रग्स की कीमत चार हजार रुपये नामक शिर्षक वाली खबर में पत्रकार खेडकर ने
अनेक दावे किये हैं। उनकी इस खबर से पुलिस प्रशासन और ड्रग माफिया की नींव हिल गई थी।
वे चंद्रपुर की पुलिस के अलावा जनप्रतिनिधियों, सांसद, विधायकों की खामोशी को लेकर
अपनी खबर में अनेक सवाल उठाते हुए दिखाई पड़े थे।
पालकमंत्री के प्रचार
में जुटे पत्रकारों के मीठे रिश्ते बन रहे सवालों का रोड़ा
अब चंद्र्रपुर के
पत्रकार खुलकर भाजपा का प्रचार करने से भी नहीं डरते, बावजूद खुद को समाज में वे निष्पक्ष
होने का दंभ भरते हैं। इनका भाजपाई प्रेम अब इतना उफनकर आया है कि वे अपने महाराष्ट्र
श्रमिक पत्रकार संघ की कार्यकारिणी की बैठक में राज्य के 10 जिलों से आये 47 पत्रकारों
को शुरुआत में ही BJP सिंबॉल वाले छाते बांटे दिये। यह सिलसिला यहीं तक नहीं थमा चंद्रपुर
के भाजपा प्रेमी पत्रकारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के वन मंत्री सुधीर
मुनगंटीवार के विकास गाथा, सिंहावलोकन की किताब देकर बीते 5 वर्षों के कार्यों के बखान
से अवगत करा दिया। कथित निष्पक्ष अर्थात खुद को निष्पक्ष पत्रकार कहने वाले इन पत्रकारों
की इस हरकत को लेकर अब चंद्रपुर शहर में चर्चाओं का माहौल गरमाया हुआ है। इस बीच ड्रग
जैसे अहम मुद्दे पर पालकमंत्री की CBI जांच का क्या हुआ ? इस सवाल का जवाब श्रेयधारी
पत्रकारों ने अब तक अपने लेखनीी से जनता को नहीं दिया। शायद यह सवाल उन्होंने पालकमंत्री
को पूछा तक नहीं। ऐसे में इन श्रेयधारी पत्रकारों व भाजपा नेताओं के बीच बने मीठे रिश्ते
सवाल पूछने के पत्रकारिता के मूल मंत्र में रोड़ा बने हुए है। इस पर चंद्रपुर की पत्रकारिता
को और जनता को गंभीरता से सोचना होगा।