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विधायक धानोरकर भूल गई अपनी घोषणा : शीतसत्र में गूंज नहीं पाया ‘वरोरा जिला’ !


नेताओं के खोखले आश्वासनों से नाराज वरोरा जिला संघर्ष समिति के पदाधिकारी अब मुंबई में जाकर करेंगे अनशन


@ चंद्रपुर
नेताओं को किये जाने वाले वादे, आश्वासन व घोषणाएं समय-समय पर वे भूल जाते हैं। इन घोषणाओं को मीडिया बड़ी-बड़ी खबरें बना देते हैं। नेतागण भी अपनी घोषणाओं पर खूब वाहवाही बटोर लेते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर इन घोषणाओं की अनदेखी की जाती है। ऐसा ही एक मामला गत 11 नवंबर 2022 को देखने के लिए मिलता है। वरोरा जिला संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अपने क्षेत्र की विधायक प्रतिभा बाळू धानोरकर से भेंट कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन पर उन्होंने शीतसत्र में मामला गूंजेगा, यह घोषणा कर दी। लेकिन दिसबंर के अंत में नागपुर में शीतसत्र निपट गया, परंतु विधायक प्रतिभा धानोरकर ने न तो विधानसभा में मुद्दा उठाया और न ही मीडिया में वरोरा जिला निर्माण का विषय न उठा पाने के कारणों को लेकर कोई सार्वजनिक खुलासा किया। इसके चलते विधायक धानोरकर की खोखली घोषणा को लेकर अब अनेक सवाल उठने लगे हैं।

वरोरा की जनता का धानोरकर ने किया मोह भंग

बीते अनेक वर्षों से वरोरा तहसील जिला निर्माण के लिए यहां की जनता की ओर से प्रयास किया जा रहा है। वरोरा जिला संघर्ष समिति की स्थापना की गई। वरोरा जिला निर्माण के लिए 3 नगर पालिकाओं समेत सभी ग्राम पंचायतों ने ग्रामसभा में अपना समर्थन दिया। जनता ने लांग मार्च व धरना आंदोलन किये। विधानसभा में यह मुद्दा उठाये बिना इसे सरकार की सूची में शामिल करना मुमकिन नहीं, इसलिए स्थानीय विधायक प्रतिभा धानोरकर से भेंट कर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। उन्होंने नागपुर के गत शीतसत्र में यह मुद्दा उठाने की घोषणा 11 नवंबर 2022 के अखबारों के माध्यम से कर दी। लेकिन शीतसत्र में पहुंचकर विधायक धानोरकर अपनी घोषणा भूल गई। इसके चलते वरोरा वासी जनता का मोह भंग हुआ है। 


सांसद बाळू धानोरकर का भी आश्वासन हवा में

वरोरा जिला निर्माण की मांग तरह ही 11 नवंबर 2022 को विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप ने पृथक विदर्भ की मांग को लेकर आंदोलन किया। कांग्रेस सांसद बाळू धानोरकर के बंगले के सामने उन्होंने सांसद के इस्तीफे की मांग की। इस आंदोलन के दौरान विदर्भवादी आंदोलनकर्ताओं को भी आश्वासनों का लॉलीपॉप थमाया गया। विदर्भ की मांग को संसद में उठाने का आश्वासन दिया गया। लेकिन सांसद बाळू धानोरकर ने न तो पृथक विदर्भ की मांग को संसद में पूरजोर ढंग से उठाया और न ही अपना इस्तीफा विदर्भवादियों की मांग के अनुसार पेश किया। कुल मिलाकर केवल आश्वासनों और घोषणाओं की खैरात बांटी जा रही है। चंद्रपुर की मीडिया इन आश्वासनों और घोषणाओं को सुर्खियां बनाती है, लेकिन उसके बाद इन मुद्दों का क्या हुआ, यह सवाल पूछने की हिम्मत नहीं कर पा रही है। 


विधायक धानोरकर से नाराज, मुंबई में करेंगे अनशन

वरोरा जिला संघर्ष समिति के अध्यक्ष तथा जागृति सामाजिक संगठन वरोरा के अध्यक्ष प्रविण धनवलकर ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि

– “10 नवंबर 2022 को वरोरा जिला संघर्ष समिति की ओर से कांग्रेस विधायक प्रतिभा धानोरकर को पृथक वरोरा जिला के निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था। इस दौरान उन्होंने विधानसभा में मामला उठाने का आश्वासन दिया था। परंतु इस मामले को धानोरकर ने विधानसभा में नहीं उठाया। विधानसभा में जब तक यह मुद्दा उठाया नहीं जाएगा, तब तक सरकार की सूची में यह शामिल नहीं होगा। लेकिन फिलहाल विधायक धानोकर ने अपना वादा नहीं निभाया। अब हम वरोरा जिला संघर्ष समिति के पदाधिकारी खुद ही मुंबई में जाकर मुख्यमंत्री से भेंट करेंगे। और वहां मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे तथा अनशन भी करेंगे।”