■ अपराध में राजनीतिक इन्वॉल्वमेंट की खबर को फिर दबा दी ‘गद्दार मीडिया’ ने
■ FIR के बावजूद चंद्रपुर के अधिकांश पोर्टल, अखबार व TV चैनल्स को सांप सूंघ
गया
@चंद्रपुर
राजनीति और पत्रकारिता का
मीठा गठजोड़ लोकतंत्र के लिए कितना घातक है, यह बात अब आम जनता समझने लगी है। मशहूर
पत्रकार रवीश कुमार यूं ही नहीं इसे गोदी मीडिया कहते हैं। लेकिन हम यदि बात करें
चंद्रपुर के मीडिया की तो अधिकांश पत्रकारों को तब सांप सूंघ जाता है जब अपराध में
राजनीतिक इन्वॉल्वमेंट और FIR दर्ज होने के बावजूद खबरों को दबाया जाता है। ऐसा ही
कुछ मामला दुर्गापुर पुलिस थाना परिसर में घटित हुआ।
गत 6 मार्च 2023 की शाम 6
बजे के दौरान विनायक कालोनी निवासी 28 वर्षीय फरियादी युवक शुभम नरेंद्र भोवरे
दुर्गापुर के क्रांति बार के पीछे चल रहे अवैध जुआ अड्डे पर जब 40,000 रुपयों का
जुआ जीता तो आरोपी कर्नेल सिंह ने जीती हुई राशि देने से इंकार कर दिया। इस दौरान
हुए विवाद में आरोपी कर्नेल सिंह व उनके साथी विजय ठाकरे तथा आलोक चौरे ने फरियादी
शुभम को चाकू घोंप दिया। मामला दुर्गापुर थाने पहुंचा तो इंटक युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
प्रशांत भारती आरोपियों के संरक्षण में जद्दोजहद करते एवं फरियादी के परिजनों से
भेंट कर शिकायत वापिस लेने के लिए दबाव बनाते रहें। यह आरोप फरियादी ने लगाया है।
कांग्रेस का आरोपियों के प्रति यह प्यार राजनीतिक गरिमा को चोंट पहुंचा रहा है।
दुर्गापुर थाने ने शिकायत
नहीं ली तो SP ने किया सहयोग
फरियादी शुभम भोवरे ने
बताया कि जब वह जुए में 40,000 रुपये जीता तो उसे आरोपी कर्नेल सिंह ने राशि देने
से मना किया। गालीगलौज और मारपिट की। विरोध जताया तो आरोपी विजय ठाकरे व आलोक चौरे
ने भी पीटा। इस बीच विजय ने चाकू से कंधे व कोहनी पर हमला कर शुभम को गंभीर घायल कर
दिया। फरियादी शुभम तत्काल दुर्गापुर थाने पहुंचा और अपनी फरियाद लिखवानी चाही तो
वहां के पुलिस ने सहयोग नहीं किया। शुभम तत्काल SP कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों को
आपबीती बताई तो उसे SP कार्यालय के जीप में बिठाकर उपचार हेतु सरकारी अस्पताल ले
जाया गया। इसके बाद दुर्गापुर पुलिस को इस प्रकरण में अपराध दर्ज करने के निर्देश
मिलने के बाद ही FIR दर्ज हो पायी।
अस्पताल व थाने क्यों गये प्रशांत
भारती ?
फरियादी शुभम भोवरे को जब
SP कार्यालय की जीप से सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल कराया गया तो इंटक युवक
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रशांत भारती भी वहां पहुंच गये। उन्होंने शुभम और उसके
परिजनों को समझाने, शिकायत वापिस लेने के लिए दबाव बनाया, यह आरोप फरियादी शुभम ने
लगाया है। साथ ही शुभम का कहना है कि जब वे दोबारा दुर्गापुर पुलिस थाने में अपराध
दर्ज करवाने के लिए पहुंचे तो प्रशांत भारती अपने चंद साथियों के साथ वहां भी पहुंच
गये और पुलिस अधिकारी से भेंट कर आरोपियों के बचाव में कोशिश करने लगे। लेकिन शुभम
अड़िग होने के कारण अंतत: तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस को अपराध दर्ज करना पड़ा।
संबंधित आरोपियों पर पुलिस ने भादंवि की धारा 324, 504, 506, 34 के तहत अपराध दर्ज
किया है।
प्रशांत की दबंगई
पहले भी चर्चा में
ज्ञात हो कि ‘चंद्रपुर
एक्सपोजर’ डिजिटल मीडिया ने 1 अप्रैल 2022 को ‘श्रेय लेने फड़फड़ा रही राजनीति : इंटक
युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रशांत भारती दबंगाई पर उतरे’ शिषर्क तले खबर
प्रकाशित कर NCP के विद्यार्थी कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुजीत उपरे की गर्दन दबोचकर धक्का-मुक्की
किये जाने का मामला उजागर किया था। यह वारदात को पुलिस की मौजूदगी में ही घटित हुई
थी। इस दौरान NCP के आला नेता, राजनीतिक दल व मीडिया ने भी चुप्पी साध ली थी। फेसबुक
पर वायरल हुई वीडियो से यह मामला उजागर हुआ था। 31 मार्च 2022 की सुबह 11 बजे के दौरान
दुर्गापुर के वेकोलि उपक्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के समक्ष वन्य जीवों के हमले के
कारण घटित वारदात पर अपना रोष जताने के लिये उमड़ी भीड़ के आगे ही यह वारदात घटित
हुई थी।
सांसद धानोरकर के करीबी हैं
प्रशांत भारती
कांग्रेस सांसद बाळू
धानोरकर व विधायक प्रतिभा धानोरकर के अनेक इवेंट के दौरान इंटक युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
प्रशांत भारती को उनके करीब देखा गया है। शहर में विविध उपक्रमों के दौरान लगाये
जाने वाले होर्डिंग्स में भी वे धानोकर की वाहवाही करते हुए देखे जा सकते हैं।
अहिंसावादी महात्मा गांधी को मानने वाले कांग्रेसी बीते अनेक दिनों से उग्र व
हिंसा प्रिय दिखाई देने लगे है। इसके कारणों पर सच्चे कांग्रेसियों को चिंतन करने
की आवश्यकता है।
ऐसा कोई राजनीतिक दबाव नहीं
बनाया, मिलकर बात करते हैं या प्रतिक्रिया मेल कर दूंगा
इंटक युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
प्रशांत भारती का इस पूरे प्रकरण में उनकी सहभागिता व भूमिका को लेकर प्रतिक्रिया
जानने के लिए जब उनसे 8 मार्च 2023 को रात 10.45 बजे के दौरान कॉल किया गया तो
उन्होंने उनकी सहभागिता, फरियादी व उनके परिवार पर शिकायत वापिस लेने के लिए
राजनीतिक दबाव बनाने की बात से इंकार किया। साथ ही अपना पक्ष व प्रतिक्रिया देने
के लिए प्रत्यक्ष मुलाकात करने की बात कही। जब प्रशांत भारती से अनुरोध किया गया
कि आप फोन पर ही अपनी प्रतिक्रिया दें या अपना वर्जन मेल कर दें तो उन्होंने मेल
करने की बात को मान्य किया। परंतु खबर के लिखे जाने तक उनकी कोई ठोस प्रतिक्रिया
मेल, मैसेज या वॉटसअप पर हमें प्राप्त न हो सकीं। इसके चलते हम उनकी सहभागिता व
भूमिका को लेकर उनका पक्ष जान नहीं पाएं।